Monika garg

Add To collaction

लेखनी कहानी -12-Apr-2022 शोर्ट स्टोरी लेखन #भिखमंगे

 "बाबूजी कुछ पैसे दे दो। दो दिन से भूखा हूँ। अन्न का एक भी दाना पेट में नहीं गया। आपकी बड़ी मेहरबानी होगी भगवान के नाम  पर कुछ देदो।" मैंने एक भिखारी को सड़क किनारे एक बहुत ही अमीर व्यक्ति से जो की अपनी गाड़ी में बैठा था कहते हुए सुना। उसने बड़ी ही अजीब तरीके  से अपने चश्मे को हटाते  हुए  उसकी ओर देखा और उसको फटकारते  हुए बोला ,"चल हट भिखमंगे कही के " यह कह कर अपनी गाड़ी का शीशा ऊपर चढ़ा कर तेज गति से  गाड़ी को भगा कर ले  गया 

                                                        यह सब मैं अपनी गाड़ी में बैठी हुई देख रही थी थोड़ी देर बाद  भिखारी मेरी गाड़ी के पास आया और अपना हाथ फैला दिया।  मैंने उसकी तरफ गौर से देखा और कहा "तुम कही नौकरी क्यों नहीं करते अभी तो नौकरी कर सकते हो।" वह बोला "दीदी पढ़े लिखो को नौकरी नहीं मिलती हमे कहा से मिलेगी।" मैंने उसको अपना कार्ड दिया और अगले दिन आने को बोला 

                                                             एक दिन मै अपने लॉन में बैठी थी  सामने से वही भिखारी आता हुआ दिखाई दिया आज तो वो कुछ बदला-बदला दिखाई दे रहा था। उसने बड़े अच्छे तरीके से नमस्कार किया और कहा "दीदी मुझे आपकी दुआ से  एक ऑफिस मे चपड़ासी की  नौकरी मिल गयी है इसी ख़ुशी मे आपका मुँह मीठा करवाने आया हूँ। आपने जब मुझे नौकरी के लिए कहा तो मेरे मन  मे बार-बार यही ख्याल आया कि एक बार नौकरी के लिए कोशिश करनी चाहिए और आपकी दुआ से मुझे चपड़ासी की  नौकरी मिल गई। 

                                             मैने कहा "भाई यह तुम्हारी किस्मत और  मेहनत का फल है।" वह मिठाई  दे कर चला गया। आज मेरा मन बड़ा खुश था चलो  एक व्यक्ति तो ऐसी जिन्दगी से निजात पा गया जहाँ  उसे बार-बार झिड़किया और गालियां मिलती हो। काफी समय  बीत गया  मै  अपनी जिंदगी मे व्यस्त हो गयी। 

                       एक  दिन मुझे  एक सरकारी ऑफिस में अपनी कोई फाइल निकलवानी थी मै  बार-बार उस ऑफिस के चक्कर काट रही थी। मुझे बड़े अफसर से नहीं मिलने दिया जा  रहा था मैंने एक  दिन ऑफिस मे उसी व्यक्ति  को देखा जो मिठाई देकर गया था मेरे पास आया और बोला  "दीदी आप   यहाँ कैसे ?" मैंने कहा " भाई मेरी कोई फाइल  अटकी पड़ी है लेकिन मुझे बड़े  साहब से नहीं मिलने दिया जा रहा उसने कहा कि " दीदी जब तक यहाँ पे इनका नाश्ता पानी नहीं  दोगी तो ये फाइल नहीं देंगे " मैंने पूछा कितने मे मानेगे उसने कहा "मै  पूछ कर  बताता हूँ।" वह  अंदर गया थोड़ी देर बाद वह  बाहर आया और धीरे से मेरे पास आके बोला "दीदी 5 हजार रुपया लगेगा।आप को अंदर बुला रहे है। 

                                                      मैंने  जैसे ही अंदर परवेश किया बड़ा साहब कुर्सी की पीठ मेरी तरफ करके बैठा था और फ़ोन पे बात कर  रहा था। मैने  कहा"क्या  अंदर आ सकती हूँ ?" जैसे ही उसने मेरी तरफ कुर्सी घुमाई ।मै एक दम्म से सुन पड़ गयी क्यूंकि बड़ा साहब और कोई नहीं वही कार वाला व्यक्ति था जिसने उस भिखारी   को कहा था "चल हट  भिखमंगे कही के। " इस बात ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि पेट की आग को शांत करने के लिए पैसे मांगने वाला भिखमंगा है या ये सफ़ेद पॉश अफसर जो कुर्सी पर बैठ  कर भीख मांग रहा था।  मै  सोचती ही रह गयी........ 


जोनर#। सामाजिक
शोर्ट स्टोरी लेखन प्रतियोगिता

   18
8 Comments

Reyaan

16-May-2022 04:18 PM

Very nice

Reply

Seema Priyadarshini sahay

29-Apr-2022 09:27 PM

बहुत बेहतरीन कहानी

Reply

Fareha Sameen

17-Apr-2022 07:32 PM

Nice one

Reply